#CAA पहला कानून है जिसने इस्लाम के सिद्धांत को चुनौती दी है।
🎗️क्या आपने किसी मुसलमान को इस्लामिक राष्ट्र में शरण लेते हुए देखा है ?
सऊदी अरबिया और अन्य मुस्लिम इस्लामिक राष्ट्र अपने यहां मुसलमानों को शरणार्थी के रूप में स्वीकार नहीं करते हैं। ऐसा कानून उन्होंने क्यों बनाया है ?
मुसलमान शरणार्थी के रूप में सिर्फ उन्हीं राष्ट्रों में जाते हैं जो साधन संपन्न है और जो इस्लामिक राष्ट्र नहीं है, जैसे- अमेरिका, इंडिया, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के तमाम देश।
🎗️क्या आप *हिज्र और हुदैबिया की संधि* के बारे में जानते हैं??
मैं यहां पर *हिज्र और हुदैबिया की संधि* के विषय में जानकारी देने जा रहा हूं
जिसे ध्यानपूर्वक पढ़ें-
जब किसी मुसलमान का प्रवास किसी गैर मुस्लिम राष्ट्र में होता है तो वह इस्लामिक मकसद से होता है।, इस प्रोसेस को कहते हैं '#हिज्र'। '
हिज्र' पूरे विश्व में इस्लामिक राष्ट्र स्थापित करने का एक सिद्धांत है जिसे मुसलमान अक्षरशः पालन करते हैं। मुसलमानों को 'हिज्र' के लिए मस्जिदों में प्रशिक्षित किया जाता है।
🎗️सऊदी अरब अपने यहां मुस्लिम को शरणार्थी के रूप में स्वीकार नहीं करता है किंतु मुस्लिम शरणार्थी को गैर मुसलमान देशों में स्थापित करने के लिए यूनाइटेड नेशन को धनराशि उपलब्ध कराता है!
🎗️इस्लाम का दूसरा सिद्धांत है कि पूरे विश्व के लोगों को 2 हिस्सों में बांट देना- एक वह जो इस्लाम को मानते हैं उन्हें 'मोमिन' कहते हैं और दूसरा किसी भी धर्म का हो उसे 'काफिर' कहते हैं! ''काफिर कत्ल योग्य है।'' और यह हर मुस्लिम का फर्ज है।
🎗️एक तीसरा सिद्धांत इस्लाम का है जिसे 'दारुल-उलूम-इस्लाम'। (पाकिस्तान) 'दारुल-उलूम-हरब' (भारत) कहते हैं। भारत का विभाजन इस इस्लामिक सिद्धांत पर हुआ। इस्लाम एक विभाजक अधर्म है जो फूट डालने के सिद्धांत में विश्व में पहली पायदान पर है।
#सीएए विश्व का प्रथम कानून है जो इस्लामिक राष्ट्र में प्रताड़ित
अल्पसंख्यक हिंदू, ईसाई, पारसी, जैन, बौद्ध इन सभी काफिरों को संरक्षित करता है
यही कारण है कि इस कानून का इस्लाम के मानने वाले भरपूर विरोध कर रहे हैं! उनका कहना है कि जो इस्लाम के हक में नहीं है, हम उसे लागू नहीं होने देंगे! जो इस्लाम के सिद्धांत के खिलाफ है उसे हम नहीं मानते।
आप किसी भी स्तर पर जाकर मुसलमानों को समझाने का प्रयास करें लेकिन वह सीएए को मानने के लिए तैयार नहीं है।
असल में वे जानते है कि इससे मुसलमानो का कदापि हानि नहीं होगी ,परन्तु इससे जिहादियों से प्रताड़ित काफिर संरक्षित अवश्य हो जायेगे ,जिससे उन्हे इस्लाम में मजबूरन तलवार के दम पर मुस्लिम बनाना अब कठिन होगा
🎗️उन्हें पता है की ''सीएए, एनपीआर और एनआरसी'' यह 'इस्लामिक साम्राज्यवाद' को समाप्त करने का पहला कदम है! इस्लाम वाकई खतरे में है और इसके लिए मोदी जिम्मेदार है!
नरेन्द्र मोदी जी जिंदाबाद!!
भारतीय पुरातन संस्कृति जिंदाबाद
हिन्दुत्व अमर रहे।
सनातन संस्कृति अमर रहे।
हिन्दु एकता एक मात्र विकल्प।
हर हिन्दू का एक ही लक्ष्य हो,
इस्लाम समर्थक पार्टियों को धूल चटाएं