Holika dahen

 


*होलिका दहन -* होलिका दहन सम्बन्धित मुहुर्त को समझाने का प्रयास कर रहा हूं,आशा है सारग्रही विद्वजन इस अकिंचन को अपना आर्शीवाद प्रदान करेंगे।
होलिका दहन तीन बातों को ध्यान में रखकर किया जाता है-
*1-फाल्गुन पूर्णिमा हो।*
*2- भद्रा बीत चुकी हो।*
*3-रात्रि का समय हो।*
इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 9 मार्च 2020 दिन सोमवार को रात्रि 11 बजकर 26 मिनट तक है,भद्रा दिन में 12 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो गई है, सूर्यास्त शाम 5 बजकर 52 मिनट पर हुआ है। 9 मार्च को रात्रि 18-45 से 21-00 बजे के मध्य कन्या लग्न चर के चौघड़िया मुहूर्त्त मे श्रेष्ठ रहेगा या प्रदोषे-निशामुखे रात्रि 11.26 वादनात्पूर्वं होलिका दहन मुहुर्तः शुभा शुभम्
सूर्यास्त के बाद से रात्रि 11 बजकर 26 मिनट तक होलिका दहन का मुहूर्त निकलता है,इसी समयावधि में ढुण्ढा राक्षसी का पूजन कर"ॐ होलिकायै नमः"कहकर होली जलाई जायेगी।
*विशेष -* मेष राशि एवं कुंभ राशि के जातकों पर होलाष्टाक (छठिहाथ) है अतः मेष एवं कुंभ राशि के जातकों को होली तापना वर्जित है, उक्त राशि के जातकों को शांति के लिए पंचांग पूजन एवं पंचांग दान करना चाहिए।
होली प्रेम, भाईचारे एवं आपसी सौहार्द का प्रतीक है, सभी से मधुर संबंधो का प्रतीक है, होली बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है, अतः होली मनाने के लिए अपने शरीर में विद्यमान बुराई अवगुणों की होली जलायें एक दूसरे को प्रेम रुपी रंग में रंगे।