मातृभूमि की गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने में अनेकों राष्ट्र भक्तों अपना सर्वस्व न्योछावर किया उनमें एक *दिव्यांग राष्ट्रभक्त* भी थे जिन्होंने देश के लिए जो किया वो बहुत प्रेरणादायक रहा है।
🌹🌹🙏🙏 *चारु चरण बोस* 🙏🙏🌹🌹
चारु चरण बोस एक शारीरिक रूप से विकलांग स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनका जन्म फरवरी, 1890 में खुलना (अब बांग्लादेश में) में हुआ था। वह प्रसिद्ध क्रांतिकारी समूह "युगांतर" से जुड़े थे। *आशुतोष विश्वास, ब्रिटिश शासन के तहत गद्दार और सरकारी वकील थे, जो मानिकपुर बम कांड में कई क्रांतिकारियों की सजा के लिए जिम्मेदार थे।* इसने भारतीय क्रांतिकारियों को काफी नाराज कर दिया और चारू चरण बोस जी ने 10 फरवरी, 1909 को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।
चारू चरण बोस जी के पास जन्म से ही उनके दाहिने हाथ की हथेली नहीं थी, इसलिए उन्होंने रिवॉल्वर को अपने अपंग हाथ में बांध दिया और उसे एक शॉल के नीचे ढक दिया। और बाएं हाथ से उसे ट्रिगर किया। अधिक जानकारी के लिए उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया और प्रताड़ित किया गया, लेकिन वे अपनी सहज मुस्कान के साथ चुप थे। उन्हें 02 मार्च, 1909 को मौत की सजा सुनाई गई और 19 मार्च, 1909 को अलीपुर केंद्रीय जेल में फांसी दे दी गई।