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विदुर को लगातार अपने गुप्तचरों से ,दुर्योधन के द्वारा किए जाने वाले षड्यंत्रों और तैयारियों की सूचना मिल रही थी।पांडवों को वारणावत जाने से रोकना, विदुर के वश मेंं नहीं था, परन्तु वे उनकी सुरक्षा तो कर ही सकते थे।वे लगातार उनकी सुरक्षा के उपाय सोचते रहते।
वारणावत जाने के पहले ,पांडव माता कुंती सहित, महात्मा विदुर को प्रणाम करने आये।विदुर ने अवसर देखकर युधिष्ठिर से पूछा,"वत्स, यदि जंगल में भीषण आग लग जाये, तो जंगल के कौन से जानवर सुरक्षित रहेंगे ?"
युधिष्ठिर ने उत्तर दिया,"तात,जंगल में आग लगने पर, स्वछंद और निर्भय घूमने वाले, शेर चीते,हाथी और सबसे तेज भागने वाले हिरण आदि सारे जानवर ,जंगल की आग में जलकर राख हो जायेंगे।परन्तु बिलों में रहने वाले चूहे सुरक्षित रहेंगे।दावानल के शांत होने पर वो पुनः बिलों से बाहर निकल कर, शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करेगें
"वत्स युधिष्ठिर, तुम्हारे उत्तर से मैं निश्चिंत हुआ।मेरी समस्त चिंतायें दूर हुईं।जाओ,सुरक्षित रहो।यशस्वी भव।"विदुर ने आर्शीवाद दिया।
कोरोना वायरस भी एक भयानक आग के समान है, जो लगातार सारी सीमायें लांघ रहा है।जो लोग अपने घरों में रहेंगे, वो सुरक्षित रहेंगे और दुनिया पर राज करेंगे।
कृपया इस आग के ठंडे होने तक घर पर रहें।🙏🙏